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राज्य शास्त्रीय नृत्य - कत्थक | Rajasthan State Classical Dance - Kathak

कत्थक उत्तरी भारत का प्रमुख नृत्य है।   इनका मुख्य घराना भारत में लखनऊ है तथा राजस्थान में जयपुर है। कत्थक के जन्मदाता भानू जी महाराज को माना जाता है।  

राजस्थान का राज्य नृत्य - घुमर | Rajasthan State Dance of Rajasthan - Ghoomar

 धूमर (केवल महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य) इस राज्य नृत्यों का सिरमौर (मुकुट) राजस्थानी नृत्यों की आत्मा कहा जाता है।

राज्य गीत -"केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश।" | State Song - "Kesariya Balam Aao Ni Padharo Mhare Desh.

 इस गीत को सर्वप्रथम उदयपुर की मांगी बाई के द्वारा गया।इस गीत को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर की अल्ला जिल्ला बाई के द्वारा गाया गया। अल्ला जिल्ला बाई को राज्य की मरूकोकिला कहते है। इस गीत को मांड गायिकी में गाया जाता है।

राज्य पक्षी - गोेडावण | State Bird - Godavan

 1981 में इसे राज्य पक्षी के तौर पर घोषित किया गया। इसे ग्रेट इंडियन बस्टर्ड भी कहा जाता है। यह शर्मिला पक्षी है और इसे पाल-मोरडी व सौन-चिडिया भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम "क्रोरियोंटिस-नाइग्रीसेप्स" है। गोडावण को सारंग, कुकना, तुकदर, बडा तिलोर के नाम से भी जाना जाता है। गोडावण को हाडौती क्षेत्र(सोरसेन) में माल गोरड़ी के नाम से जाना जाता है। गोडावण पक्षी राजस्थान में 3 जिलों में सर्वाधिक देखा जा सकता है। मरूउधान- जैसलमेर, बाड़मेरसोरसन- बांरासोकंलिया- अजमेर गोडावण के प्रजनन के लिए जोधपुर जंतुआलय प्रसिद्ध है। गोडावण का प्रजनन काल अक्टूबर-नवम्बर का महिना माना जाता है।यह मुलतः अफ्रीका का पक्षी है।इसका ऊपरी भाग का रंग नीला होता है व इसकी ऊँचाई 4 फुट होती है।इनका प्रिय भोजन मूगंफली व तारामीरा है।गोडावण को राजस्थान के अलावा गुजरात में भी सर्वाधिक देखा जा सकता

राज्य पशु - चिंकारा, ऊँट | State Animal - Chinkara, Camel

 चिंकारा- चिंकारा को 1981 में राज्य पशु घोषित किया गया।यह "एन्टीलोप" प्रजाती का एक मुख्य जीव है। इसका वैज्ञानिक नाम गजैला-गजैला है। चिंकारे को छोटा हरिण के उपनाम से भी जाना जाता है।चिकारों के लिए नाहरगढ़ अभ्यारण्य जयपुर प्रसिद्ध है।राजस्थान का राज्य पशु 'चिंकारा' सर्वाधिक 'मरू भाग' में पाया जाता है। "चिकारा" नाम से राजस्थान में एक तत् वाद्य यंत्र भी है। ऊँट- राजस्थान का राज्यपशु(2014 में घोषित) ऊँट डोमेस्टिक एनिमल के रूप में संरक्षित श्रेणी में और चिंकारा नाॅन डोमेस्टिक एनिमल के रूप में संरक्षित श्रेणी में रखा जाएगा।

राज्य पुष्प - रोहिडा 1983 | State Flower - Rohida 1983

रोहिडा के फुल को 1983 में राज्य पुष्प घोषित किया गया। इसे "मरूशोभा" या "रेगिस्थान का सागवान" भी कहते है। इसका वैज्ञानिक नाम- "टिको-मेला अंडुलेटा" है। रोहिड़ा सर्वाधिक राजस्थान के पष्चिमी क्षेत्र में देखा जा सकता है।रोहिडे़ के पुष्प मार्च-अप्रैल के महिने मे खिलते है।इन पुष्पों का रंग गहरा केसरिया-हीरमीच पीला होता है। जोधपुर में रोहिड़े को मारवाड़ टीक के नाम से जाना जाता है।