राजस्थान के जिलेवार शुभंकर | District wise mascots of Rajasthan

 राजस्थान के जिलेवार शुभंकर


2015 में राजस्थान सरकार ने प्रत्येक जिले का एक वन्य जीव घोषित किया। राजस्थान ऐसा पहला राज्य है, जिसने वन्यजीवों के अनुसार जिलों का मस्कट तय किया है। यह अपने आप में एक नया प्रयोग है। अभी तक प्रदेश स्तर पर राज्य पशु या पक्षी के नाम तय किए जाते थे। उसे संरक्षण प्रदान करने की दिशा में सरकारें काम करती थी। नए प्रयोग से सीधे तौर पर प्रदेश की 33 प्रजातियों को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।


1. अजमेर - खरमोर 

2. अलवर - सांभर

3. बांसवाडा - जल पीपी

4. बारां - मगर

5. बाडमेर - लौंकी/ मरू लोमड़ी 

6. भीलवाडा - मोर

7. बीकानेर - भट्ट तीतर

8. बूंदी - सुर्खाब 

9. चित्तौडग़ढ़ - घौसिंगा 

10. चूरू - कृष्ण मृग 

11. दौसा - खरगोश 

12. धौलपुर - पचीरा (इण्डियन स्क्रीमर)

13. डूंगरपुर - जांघिल 

14. हनुमानगढ़ - छोटा किलकिला 

15. जैसलमेर - गोडावण

16. जालोर - भालू

17. झालावाड़ - गागरोनी तोता

18. झुंझुनू - काला तीतर

19. जोधपुर - कुरंजा

20. करौली - घडिय़ाल

21. कोटा - उदबिलाव

22. नागौर - राजहंस

23. पाली - तेन्दुआ 

24. प्रतापगढ़ - उडऩ गिलहरी

25. राजसमंद - भेडिया 

26. सवाईमाधोपुर - बाघ

27. श्रीगंगानगर - चिंकारा

28. सीकर - शाहीन

29. सिरोही - जंगली मुर्गी 

30. टोंक - हंस 

31. उदयपुर - कब्र बिज्जू 

32. भरतपुर - सारस

33. जयपुर - चीतल 


हर जिले को अब किसी किसी वन्यजीव (पशु या पक्षी) के नाम से जाना जाएगा। हर जिले की यह जिम्मेदारी होगी कि वह अपने जिला स्तरीय वन्यजीव को बचाने और संरक्षित करने की दिशा में काम करें। सरकारी कागजों पर भी उस वन्यजीव को लोगो के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे उस वन्यजीव का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार हो सकें।

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